LT HT Full Form
आगे हम देखेंगे की HT Line और LT लाइन क्या होता है, इसके बारे में और भी देखेंगे की इसमें कितने वायर का यूज़ किया जाता है। दोनों में कितने वोल्टेज के लेवल पर ऑपरेट किया जाता है।
HT का फुल फॉर्म होता है हाइ-टेंशन लाइन और LT लाइन का फुल फॉर्म होता है लौ-टेंशन लाइन। टेंशन का मतलब एक फ़्रेंच शब्द है, जिसे इंग्लिश में वोल्टेज बोलते हैं। इसलिए आप HT लाइन को हाइ-टेंशन या हाइ-वोल्टेज भी कहते है, और LT को लौ-टेंशन या तो लौ-वोल्टेज भी बोल सकते हो।
LT and HT line in Hindi
क्या आप जानते है HT और LT का मतलब क्या होता है? और दोनों के बिच क्या अंतर है । What is LT and HT, Difference between LT HT line । ऐसे ही कही सारे LT और HT के बारे में सवालों के जवाब हम आपको इस आर्टिकल में देंगे।
सबसे पहले आप यह जान लीजिए की वोल्टेज को हम सिर्फ LT और HT के अंदर ही नही बाँटते है। इसके अलावा हमारे पास एक और वोल्टेज लेवल होता है, जिसको हम EHT कहते है। इसी डिस्ट्रब्यूट वोल्टेज लाइन में AC वोल्टेज को तीन भागो में विभाजित किया जाता है।
- LT – Low Tension (लौ वोल्टेज)
- HT – High Tension (हाई वोल्टेज)
- EHT – Extra High Tension (एक्स्ट्रा हाई वोल्टेज)
voltage distribution table
Type of Cable | Voltage level (kV) |
---|---|
Low tension (L.T.) Cable | 0 – 1 kV |
High tension (H.T.) Cable | 1 – 11 kV |
Extra high-tension (E.H.T.) Cable | 33 – 66 kV |
LT HT Full Form in electrical | LT and HT line in Hindi
जैसा की हम जानते है, LT और HT और EHT इन सभी डिस्ट्रब्यूट लाइन के आखरी शब्द में T आता है। जिसका मतलब Tension होता है। यह टेंशन शब्द French(फ्रेंच) भाषा के डिक्सनरी में से लिया गया शब्द है, अगर इस शब्द Tension को आप इंग्लिश में ट्रांसलेट करेंगे तो इसका मतलब वोल्टेज होता है।
थर्मामीटर क्या होता Thermometer in hindi इसे इस्तेमाल कैसे करे
डायोड क्या है | डायोड के प्रकार – Diode in Hindi
इसलिए हम इसे T शब्द से डिफाइन करते है। और इसके LT को लौ वोल्टेज और HT को हाई वोल्टेज और EHT को एक्स्ट्रा हाई वोल्टेज शब्द से डिफाइन करते है। तो आप LT और HT को लौ वोल्टेज और हाई वोल्टेज भी कह सकते है। लेकिन आपको T का मतलब टेंशन होता है, यह याद रखना है।

एसटी लाइन को डेल्टा में डिस्ट्रीब्यूट किया जाता है। इसके लिए डेल्टा में खाली तीन बार की रिक्वाइर्मन्ट पड़ती है। डेल्टा में न्यूट्रल वायर का यूज़ नहीं पड़ता है। इसके लिए खाली तीन वायर का ही यूज़ पड़ता है, जो जनरली रेड, येल्लो, ब्लू (R, Y, B) जैसे 3 फेज यूज़ होता है। HT लाइन में जो HT लाइन होती है वो बड़े पावर स्टेशन से आती है और ट्रांफॉर्मर स्ट्रक्चर में आती है।
मतलब HT line बड़े पावर स्टेशन से स्टार्ट होती है और सब स्टेशन पे आके बड़े हाई-वोल्टेज ट्रांफॉर्मर तक आती है। और जो LT line होती है वो हाई-वोल्टेज ट्रांफॉर्मर से सब स्टेशन के ट्रांफॉर्मर तक आती है। और सब स्टेशन के ट्रांफॉर्मर से निकलके हमारे घर और इंडस्ट्रियल एरिया में स्टेप-डाउन ट्रांसफॉर्मर के जरिये हमारे इस्तेमाल में आते है।
आगे अब हम यह जानेंगे, की LT, HT और EHT के बीच का अंतर, इनका उपयोग और इनमे मौजूद वोल्टेज के बारे में।
What is LT Voltage
इलेक्ट्रिकल की AC सप्लाई के अंदर 1000 वोल्टेज से कम का वोल्टेज ट्रांसमिट होता है, LT लाइन मतलब (लौ वोल्टेज) कहा जाता है। LT Line में कितने वोल्टेज लेवल तक हम वोल्टेज भेज सकते है। लौ-टेंशन लाइन का वोल्टेज 1000 वोल्टेज से कम होता है। मतलब वो 1 KW से कम वोल्टेज वाले ट्रांसमिशन लाइन को लौ-टेंशन लाइन बोलते है।
दोस्तों, LT सप्लाइ को दो कैटगरी में डिस्ट्रीब्यूट होती है, सिंगल फेज और वन फेज, इंडिया में सिंगल फेस का वोल्टेज 230V होता है और थ्री फेस का वोल्टेज 440V और 415V होता है। हम भारत में जनरली घरों में सिंगल फेज 230V आता हैं। और इंडट्रियल एरिया में थ्री फेस का वोल्टेज 440V और 415V आता है। जिसमे 1000v से ही काम का वोल्टेज होता है।
Fault in LT line
लेकिन इन ट्रांसमिशन लाइन में कुछ वोल्टेज ड्राप और कही फॉल्ट भी होते है। जो LT Line होती है उसके अंदर ज्यादा फॉल्ट होता है क्योंकि जो LT Line होती है, वो लोड से डाइरेक्टली कनेक्टेड रहती है। मीन्स जो लोड होता है।
उसके अंदर कन्टिन्यूएशन और उपकरणो में होने वाले वोल्टेज के उतार-चढ़ाव होते रहते है तो वेरिएशन होने की वजह से वायर्स के ऊपर भी स्ट्रेस चेंज होते रहते हैं। अगर ये स्ट्रेस बारबार चेंज हो तो वायर्स के ऊपर लोड ज्यादा बढ़ने के कारन वायर जल जाता है। इसकी वजह से LT लाइन साइड में ज्यादा फॉल्ट होते हैं।
Which insulator used in LT line?
आगे हम जानेंगे की इन लाइन में से वोल्टेज ट्रांसमिट करने के लिए कौनसा इन्सुलेटर कोनसे लाइन में और कितने कपैसिटी तक इस्तेमाल और यूज़ किया जाता है?

स्मॉल पिन टाइप ये और सैकल टाइप इन्सुलेटर ये इन्सुलेटर ओवरहेड लाइन के लिए यूज़ किए जाते हैं। इस लाइन में भी दो कैटगरी होती है, ओवरहेड लाइन और अंडर ग्राउंड केबल लाइन। इसमें स्मॉल पिन टाइप इन्सुलेटर और सैकल टाइप इन्सुलेटर का यूज़ किया जाता है।
ये इन्सुलेटर ओवरहेड LT line में और अन्डरग्राउन्ड में के लिए केबल में यूज़ किया जाता है। जो HT line होती है उसके अंदर हम टाइप इन्सुलेटर और डिस्क टाइप इन्सुलेटर का इस्तेमाल करते है। आगे देखेंगे की कौनसे कंडक्टर का इस्तेमाल किया जाता है, इन दोनों लाइन में LT line के अंदर हम लोग रैबिट कंडक्टर का इस्तेमाल करते है।
What is HT Voltage
HT line का पूरा नाम High tension line होता है। इसको हम हाई वोल्टेज लाइन भी कहते है। 1000 वोल्टेज से ऊपर और 33000 वोल्टेज के नीचे के वोल्टेज लेवल को हाई वोल्टेज के अंदर रखा जाता है।
जैसा की है जानते है की HT Line में हाइ-वोल्टेज भेजा जाता है। जाहिर है की वो 1KW से ज्यादा ही हो सकता है। हाइ-टेंशन लाइन में 11KW, 22KW, 33KW जितना हाइ वोल्टेज होता है। इसलिए इस लाइन को HT Line बोला जाता है। 33KW से ऊपर वाले वोल्टेज लाइन को एक्स्ट्रा हाइवोल्टेज लाइन (EHT)बोला जाता हैं।
Fault in HT line
लेकिन जो HT Line होती है उसके अंदर कम फॉल्ट होते हैं क्योंकि लोड इससे डाइरेक्टली कनेक्टेड नहीं रहता है। इसके कारन HT Line में वायर्स के ऊपर ज्यादा स्ट्रेस नहीं होता मतलब ज्यादा फॉल्ट भी नहीं होता।
Which insulator used in HT line?
आगे हम जानेंगे की इन लाइन में से वोल्टेज ट्रांसमिट करने के लिए कौनसा इन्सुलेटर कोनसे लाइन में और कितने कपैसिटी तक इस्तेमाल और यूज़ किया जाता है?
अगर HT लाइन को 11 Kw में ऑपरेट कराना है तो हम लोग रैबिट कंडक्टर का यूज़ करेंगे जनरली रेबिट कंडक्टर का साइज 50 स्क्वेर होता है और उसकी करंट कैरिंग कपैसिटी 157 ऐम्पियर तक की होती है। वहीं अगर एस्टी लाइन को 33 Kw से ऑपरेट करना है। तो हमे डॉग कंडक्टर का इस्तेमाल करना चाहिए। डॉग कंडक्टर का साइज 100 स्क्वेर होता है।

LT लाइन में मोस्टली स्क्विरल कंडक्टर का यूज़ किया जाता है और कई-कई जगह पे स्पाइरल कंडक्टर का भी यूज़ किया जाता है। स्पाइरल कंडक्टर का साइज 20 स्क्वेर होता है और उसकी करंट कपैसिटी 89 एम्पीयर तक की होती है। ये जीतने भी कंडक्टर है, वो ACSR कंडक्टर के टाइप है।
जैसे की रैबिट कंडक्टर, स्पाइरल कंडक्टर, मिशेल कंडक्टर और डॉग कंडक्टर, इन सब डॉग कंडक्टर है, LT लाइन में HT लाइन का डिस्ट्रिब्यूशन नोर्मल्ली एलटी लाइन को स्टार में डिस्ट्रीब्यूट किया जाता है।
What is EHT Voltage
EHT का फुल फॉर्म Extra High Tension होता है। इसको हम एक्स्ट्रा हाई वोल्टेज भी कहते है। जिसमे से हम पावर स्टेशन से बनने वाले वोल्टेज जो 33000 वोल्टेज के ऊपर के वोल्टेज को EHT line में रखा जाता है। जिसकी ट्रांसमिशन रेंज 33 – 66 Kw Extra high-tension (E.H.T.) Cable होते है।
thank you
Pingback: Carbon Brush क्या है इसे मोटर में क्यों लगाते है
Pingback: Earthing In Hindi | Types Of Earthing | अर्थिंग क्या है