Rectifier कैसे काम करता है | रेक्टिफायर क्या है और इसके प्रकार

What is a rectifier

रेक्टिफायर क्या है

Rectifier क्या है : Rectifier एक इलेक्ट्रॉनिक उपकरण है जो एक या एक से अधिक डायोड का उपयोग करके एक अल्टरनेट करंट को डायरेक्ट करंट धारा में बदलता करता है। डायोड उपकरण एक करंट को एक दो तरफ़ा बहने वाले करंट को एक तरफ़ा बहने में अनुमति देता है।

Rectifier का उपयोग जनरली हमारे घर और इण्डट्रीज में अल्टरनेट करंट को डायरेट करंट में बदले में मदत करता है। जैसे की घर में मोबाईल चार्जर, टीवी, रेडिओ, लैपटॉप, कंप्यूटर इत्यादि उपकरणो मे डायोड (रेक्टिफायर)का इस्तेमाल करते है।

Why use Rectifier

रेक्टिफायर का उपयोग क्यों करें :

क्या आपको पता है? हमारे घर में alternating current (AC) आता है और उससे हमारे घर के बहोत-सारे उपकरण चल जाते है लेकिन कूच ऐसे उपकरण है जो नहीं चलते है उसे चलने के लिए अल्टरनेट करंट की नहीं बल्कि डायरेक्ट करंट की जरुरत होती है, और AC को DC में कन्वर्ट करने के लिए डायोड का इस्तेमाल करते है।

Rectifier
Rectifier

जैसा की Rectifier नाम से पता चल रहा है की ये किसी चीज को Rectifier करता है, जो डायोड AC को DC करंट में कन्वर्ट कन्वर्ट करने में मदत मिलती है, और इसी सर्किट को रेक्टिफायर कहते है।

RCCB क्या है और यह कैसे काम करता है

हाफ वेव रेक्टिफायर का कार्य

हाफ-वेव रेक्टिफायर एसी वोल्टेज को डीसी वोल्टेज में बदलता हैं। हाफ-वेव रेक्टिफायर में सिंगल-फेज सप्लाई में हाफ-वेव रेक्टिफिकेशन में रेक्टिफायर डायोड का उपयोग करके, या थ्री-फेज सप्लाई में तीन डायोड की जरूरत होती है।

रेक्टिफायर AC (अल्टरनेट करंट) सप्लाय के वेव में आने वाले पॉजिटिव और निगेटिव सप्लाय को पहचान कर पॉजिटिव सप्लाय को ही आगे भेजता है, जबकि दूसरे निगेटिव सप्लाय को आधा ब्लॉक किया जाता है। इसके कारन अल्टरनेट करंट को डायरेक्ट करंट में बदलने के लिए आसानी होती है। आइए इस सत्र में हाफ-वेव रेक्टिफायर के बारे में विस्तार से जानते हैं।

Half Wave Rectifier Circuit

हाफ-वेव रेक्टिफायर, रेक्टिफायर का सबसे आसान सर्किट है और हाफवेव रेक्टिफायर में सर्किट के निर्माण के लिए केवल एक डायोड और ट्रांसफॉर्मर की आवश्यकता होती है।

Halfwave rectifier circuit components

1. diode
2. Step Down transformer
3. resistive load

Halfwave rectifier Diagram
Half Wave Rectifier
Half Wave Rectifier

Working of Half Wave Rectifier

  1. स्टेप-डाउन ट्रांसफार्मर के प्राइमरी कॉइल में एक हाय एसी वोल्टेज लगाया जाता है। और मिलने वाले वोल्टेज को डायोड को दे कर सर्किट पूरा होता है।
  2. डायोड एसी वोल्टेज को आधे साइकल के दौरान पॉजिटिव सप्लाय को आगे जाने देता है और निगेटिव को आधे साइकल के दौरान रिवर्स डाउन करता है।

फुल वेव रेक्टिफायर का कार्य

फुल वेव रेक्टिफायर को एक रेक्टिफायर के रूप में जाना जाता है जो अल्टरनेट करंट को पूरी तरह से डायरेक्ट करंट में कन्वर्ट करता है।

फुल वेव रेक्टिफायर ट्रांसफॉमर्स की वोल्टेज को पॉजिटिव और नेगेटिव वेव दोनों साइकल को रेक्टिफाय करता है। फुल वेव रेक्टिफायर आउटपुट वोल्टेज या आउटपुट करंट को रेक्टिफाय बनाने का काम करता है जो कि पूरे तरीके से डायरेक्ट करंट होता है।

नॉर्मली सर्किट में आनेवाला अल्टरनेट करंट ज्यादा होता है तो इसे कम करणे के लिए रेक्टिफायर सर्किट में स्टेप-डाउन ट्रांसफॉर्मर का इस्तेमाल किया जाता है। ट्रांफॉर्मर हाइ AC सप्लाय को हमारे जरुरत के अनुसार लो वोल्टेज में कन्वर्ट करके देता है।

सेंटर टैप किए गए डायोड का एनोड ट्रांसफॉर्मर की सेकेंडरी वाइंडिंग से जुड़ा हुआ होता है और लोड रेसिस्टर से जुड़ा होता है। अल्टरनेटिंग करंट के पॉजिटिव आधे चक्र के दौरान, सेकेंडरी वाइंडिंग का ऊपर वाला आधा भाग पॉजिटिव हो जाता है जबकि सेकेंडरी वाइंडिंग का दूसरा भाग निगेटिव हो जाता है।

Center Tapped Full Wave Rectifier Working In Hindi

सेंन्टर टैप फुल वेव रेक्टिफायर

फुल वेव रेक्टिफायर के सर्किट को दो तरह से बनाया जा सकता है। पहले तरीके मे एक सेंटर-टैप किए गए ट्रांसफार्मर और दो डायोड का इस्तेमाल होता है। इसे सेंटर-टॅप ट्रान्सफॉर्मर फुल वेव्ह रेक्टिफायर कहते है।

Bridge Rectifier Working In Hindi

ब्रिज रेक्टिफायर वर्किंग: दूसरे तरीके मे चार डायोड और ट्रांफॉर्मर का उपयोग करते है, चार डायोड एक-दूसरे के साथ जोड़कर डायोड का ब्रिज बनाते है और इसे ब्रिज रेक्टिफायर के रूप में जाना जाता है।

Bridge Wave Rectifier
Bridge Wave Rectifier

डायोड में जो आपको सफ़ेद कलर की पट्टी दिखाई देती है उसे कैथोड टर्मिनल यानि नेगेटिव कहते है और दूसरा टर्मिनल एनोड का यानि पॉजिटिव कहते है इससे डायोड बनता है। और डायोड में से विधुत धारा तभी प्रवाहित होती है जब डायोड की पॉजिटिव टर्मिनल से पॉजिटिव करंट भेजा जाता है। अगर डायोड के नेगेटिव टर्मिनल से करंट भेजेंगे तो डायोड उस करंट को रोक देगा।

ऊपर डायग्राम में दिखाया है उसी प्रकार से ब्रिज रेक्टिफायर में ac करंट की एक वायर को दो डायोड के बीच के टर्मिनल में एक-दूसरे के साथ जोड़ दिया जाता है और ठीक वैसे ही बाकि की बचे दो डायोड के बीच एक वायर से डायोड कनेक्ट किये जाते है।

जब ब्रिज रेक्टिफायर पर एक AC सिग्नल लगाया जाता है, तो टर्मिनल A पॉजिटिव आधे चक्र के दौरान पॉजिटिव हो जाता है जबकि टर्मिनल बी निगेटिव हो जाता है। इसके परिणामस्वरूप डायोड D1 और D3 फॉरवर्ड बायस्ड हो जाते हैं जबकि D2 और D4 रिवर्स बायस्ड हो जाते हैं।

हाफवेव रेक्टिफायर क्या है?

अल्टरनेट करंट को डायरेक्ट करंट में बदलने वाले रेक्टिफायर सर्किट को हाफवेव रेक्टिफायर सर्किट के रूप में जाना जाता है। हाफ-वेव रेक्टिफायर इनपुट साइन वेव का केवल पॉजिटिव हिस्सा पास करता है और दूसरे निगेटिव को कट कर देता है।

हाफवेव रेक्टिफायर का उपयोग कहाँ किया जाता है?

फायरिंग सर्किट और पल्स जनरेटिंग सर्किट में हाफ-वेव रेक्टिफायर का उपयोग किया जाता है। रिक्वायर्ड वोल्टेज प्राप्त करने के लिए स्टेप अप और स्टेप डाउन ट्रांसफार्मर के साथ हाफवेव रेक्टिफायर का उपयोग किया जाता है।

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