Solid State Relay सॉलिड स्टेट रिले
Solid State Relay (SSR) एक इलेक्ट्रॉनिक स्विचिंग डिवाइस है, जो इलेक्ट्रोमैकेनिकल रिले के जैसा ही काम करता है, जो अपने इनपुट टर्मिनलों पर (AC or DC) वोल्टेज लागू होने पर आउटपुट चालू या बंद हो जाता है। जो SSR इलेक्ट्रोमैकेनिकल रिले के जैसा ही कार्य करता हैं, लेकिन सॉलिड-स्टेट रिले में कोई मूविंग (हिलता) पार्ट नहीं होता है, इलेक्ट्रोमैकेनिकल रिले के मुकाबले SSR की ऑपरेशनल लाइफ अधिक होती है।
What Is A Solid State Relay?
Solid State Relay का आविष्कार 1971 में इंटरनेशनल रेक्टीफायर्स के क्रायडम कंट्रोल्स डिवीजन द्वारा किया गया था। कई कॉरपोरेट acquisitions के बाद क्रायडम अब सेंसटा के पास है।
solid-state relay (SSR) एक इलेक्ट्रॉनिक स्विचिंग डिवाइस मतलब एक प्रकार का स्विच है, जो बाहरी वोल्टेज (AC या DC) को उसके इनपुट टर्मिनलों पर लागू करने पर चालू या बंद हो जाता है। वे इलेक्ट्रोमैकेनिकल रिले के समान कार्य करता हैं, लेकिन सॉलिड-स्टेट रिले में कोई हिलता हुआ भाग नहीं होता है, ये सेमीकंडक्टर या फोटो ट्रांजिस्ट्रर के मदत से चलता है और इसका जीवनकाल अधिक होता है।

SSR में लगभग 100A तक की करंट को स्विच करने के लिए पावर सेमीकंडक्टर डिवाइस जैसे कि थाइरिस्टर्स और ट्रांजिस्टर का उपयोग करते हैं। Solid-State Relayमें इलेक्ट्रोमेकैनिकल रिले की तुलना में तेजी से स्विचिंग होती है, और स्विचिंग करने के लिए फिजिकली हिलता हुआ कोई पार्ट नहीं होता है।
SSR एक बड़े टेम्पररी ओवरलोड का सामना करने में असमर्थ हैं जिस तरह से एक इलेक्ट्रोमेकैनिकल रिले कर सकता है, साथ ही उच्च “ऑन” प्रतिरोध भी कर सकता है।
Solid-State Relay Features
Solid-State Relay (SSR) एक रिले के तरह काम करने वाला लेकिन रिले से बेहतर रिले का अल्टरनेटिव है, जिसमें मूविंग कॉन्टैक्ट नहीं होता है, और लाइफ में तुलना में ज्यादा एफिशियंट भी होता है। संचालन के संदर्भ में, SSR यांत्रिक रिले से बहुत भिन्न नहीं होते हैं जिनमें गतिमान संपर्क होते हैं। हालाँकि, SSR, सेमीकंडक्टर स्विचिंग तत्वों, जैसे कि थाइरिस्टर्स, ट्राइक, डायोड और ट्रांजिस्टर को नियोजित करते हैं।
Working Method of Solid State Relay
SSRs तब चालू होता है जब इसके इनपुट में कोई (जिस वोल्टेज के लिए बना है उसे उसी वोल्टेज से चालू किया जा सकता है) वोल्टेज दिया जाये तब SSR चालू होकर उससे हमें आउटपुट मिल जायेगा। SSRs सिग्नल ट्रांसफर करने के लिए इलेक्ट्रॉनिक सर्किट का उपयोग करते हैं।

SSRs में मैकेनिकल मूविंग पार्ट्स नहीं होते हैं जो कि मैकेनिकल रिले में कॉन्टैक्ट्स के साथ काम करते हैं। इसके बजाय उनमें सेमीकंडक्टर स्विचिंग तत्वों, जैसे कि थाइरिस्टर्स, ट्राइक, डायोड और ट्रांजिस्टर के मदत से कार्य करते हैं। SSR इन इलेक्ट्रॉनिक सर्किट के संचालन द्वारा इलेक्ट्रॉनिक रूप से सिग्नल, करंट या वोल्टेज को चालू / बंद करते हैं।
solid-state relay how it is used?
SSR तो अपने स्विच बोर्ड के बटन के तरही काम करता है, लेकिन उस बटन को जब तक आप ऑन/ऑफ के पोजीशन में मैन्युअली आप चेंज नहीं करेंगे तब तक उस बटन से सप्लाय ऑन या ऑफ नहीं होगा।
अब आपको मैन्युअली नहीं बल्कि किसी एक टाइम पर उस बटन को ऑन और ऑफ करना है तो आपको उस जगह पे स्मार्ट स्विच बोर्ड / टाइमर के सात रिले-SSR को लगाना पड़ेगा, अब आपको उस बटन को मैन्युअली ऑन या ऑफ करने की जरुरत नहीं है, SSR आपका काम करेगा।
SSR को इस्तेमाल करने के लिए आपको पहले आपकी जरूरत क्या है, और आपके ऑपरेशन के हिसाब से SSR को सीलेक्ट करना पड़ेगा SSR में आपको बहोत प्रकार के आपके जरुरत के हिसाब से मिल जायेंगे, हमने आपको ऊपर एक प्रोडक्ट का उदहारण दीया है, हम आपको उस सर्किट में एक SSRs का इस्तेमाल करके उसे चालू करके दिखाएंगे (समझायेंगे)

आपको समजाने के लिए उपर सर्किट का फोटो दिया है, हमने SSR CNC कंपनी का लिया है ये solid state relay 40 amp (आप आपकी जरुरत से सही रेटिंग ले सकते है, हमारे पास यही एविलेबल था बल्ब को 5A का भी ज्यादा हो जाता है) का DC TO AC सप्लाय का SSR लिया है। इस सर्किट को (SSR) को सुरु करने के लिए हमें एक SMPS और सेंसर की जरुरत है,
हमने SMPS को सप्लाय देकर SMPS की निगेटिव को सेंसर की मदत से सेंसर का आउटपुट SSR की -4 पॉइंट मतलब निगेटिव पॉइंट को दिया और SMPS का पॉजिटिव SSR के +3 मतलब SSR के पॉजिटिव को डायरेक्ट दिया, और ssr के आउटपुट पॉइंट नंबर “∿ १ ” को २४० वोल्टेज का फेज सप्लाय दिया और आउटपुट पॉइंट नंबर “∿ २ ” से २४० वोल्टेज का फेज सप्लाय बल्ब को दिया, और न्यूट्रल को डायरेक्ट बल्ब को लगाया।
अब जब भी सेंसर दिए गए ऑब्जेक्ट को सेन्स करेगा तब यसयसआर चालू होकर ऑउटपुट को ऑन करेगा और आपका बल्ब चालू होगा।
हमने बल्ब का उदाहण लिया है आप किसीभी उपकरण मने उसके नीड के हिसाबसे SSR को इस्तेमाल कर सकते है, SSR का ज्यादा तर इस्तेमाल इडस्ट्रियल ऑटोमशीन में किया ज्याता है।
Capacitor Kya Hai कैपेसिटर के प्रकार है?
सॉलिड-स्टेट रिले का क्या फायदा है?
सॉलिड स्टेट रिले इलेक्ट्रोमैकेनिकल रिले के मुकाबले तेजी से चालू/बंद होते हैं, और इसमें Solid-State Relay की लाइफ भी ज्यादा होने के कारण उसे इस्तेमाल करना भी फ्रेंडली होता है क्यू-की इसमें कोई मूविंग पार्ट नहीं होता है। इलेक्ट्रोमैकेनिकल रिले में नॉइज़ भी होती है, जबकि SSR में पार्ट ना हिलने के कारण ये नॉइज आते नहीं हैं।
solid state relay vs mechanical relay
सॉलिड-स्टेट रिले और कॉन्टैक्ट रिले (इलेक्ट्रोमैकेनिकल रिले) में ऑपरेशन में कॉन्टैक्ट रिले एक-दूसरे से कुछ अलग नहीं हैं। सॉलिड-स्टेट रिले में इलेक्ट्रॉनिक भाग होते हैं जिनमें कोई यांत्रिक संपर्क नहीं होता है, जबकि इलेक्ट्रोमैकेनिकल रिले में एक मैकेनिकल मूविंग पार्ट रहता है।
solid-state relay types
आपकी जरुरत और स्विचिंग के आधार पर, solid-state relays (SSRs) के कुछ प्रकार निचे दिए है।
1. Instant ON Solid-State Relay
2. Zero Switching Solid-State Relay
3. Peak Switching Solid-State Relay
4. Analog Switching Solid-State Relay
5. high voltage solid state relay
what is solid state relay
सॉलिड स्टेट रिले इलेक्ट्रोमैकेनिकल रिले के मुकाबले तेजी से चालू/बंद होते हैं, और इसमें Solid-State Relay की लाइफ भी ज्यादा होने के कारण उसे इस्तेमाल करना भी फ्रेंडली होता है क्यू-की इसमें कोई मूविंग पार्ट नहीं होता है।
सॉलिड-स्टेट रिले और कॉन्टैक्ट रिले में क्या अंतर है?
सॉलिड-स्टेट रिले और कॉन्टैक्ट रिले (इलेक्ट्रोमैकेनिकल रिले) में ऑपरेशन में कॉन्टैक्ट रिले एक-दूसरे से कुछ अलग नहीं हैं। सॉलिड-स्टेट रिले में इलेक्ट्रॉनिक भाग होते हैं जिनमें कोई यांत्रिक संपर्क नहीं होता है, जबकि इलेक्ट्रोमैकेनिकल रिले में एक मैकेनिकल मूविंग पार्ट रहता है।
सॉलिड-स्टेट रिले का क्या फायदा है?
सॉलिड स्टेट रिले इलेक्ट्रोमैकेनिकल रिले के मुकाबले तेजी से चालू/बंद होते हैं, और इसमें Solid-State Relay की लाइफ भी ज्यादा होने के कारण उसे इस्तेमाल करना भी फ्रेंडली होता है।
Very good information Rushikesh