Thermometer in hindi
Thermometer जिसे हम हिंदी तापमापी भी कहते है, ये टेम्प्रेचर नापने के काम आता है, जिससे हम तरल, ठोस, वायु (liquid, solid, air) का टेम्प्रेचर नाप सकते है। ये उस पदार्थ के तापमान के आधार पर संबंधित और उपयोगी जानकारी (पॉइंट) प्रस्तुत करता है।
वैसे तो टेम्प्रेचर नापने वाले इस मेकेनिज़म Thermometer के रूप से एक ग्लास ट्यूब था जिसके एक छोर पर एक बल्ब होता था जिसमें हवा भरी होती थी और एक छोटासा लंबा तना होता था जो टेम्प्रेचर से फैलता था।
आगे जाकर थर्मामीटर का आविष्कार गैलीलियो गैलीली ने 17वीं शताब्दी की शुरुआत में किया था। हालांकि, आगे जाकर Thermometer में काफी सुधार हुए और सटीक थर्मामीटर 1714 में डच वैज्ञानिक डैनियल गेब्रियल फ़ारेनहाइट द्वारा इन्वेन्ट किया गया था।

Thermometer Types
आज सायन्स में हुई इनोवेशन और इंजीनियरिंग के मदत से कई अलग-अलग प्रकार के थर्मामीटर इजात किये हैं, जिनमें से प्रत्येक की अपनी अलग विशेषताएं और अनुप्रयोग हैं। निचे कुछ सामान्य प्रकार के थर्मामीटर हैं।
- लिक्विड-इन-ग्लास थर्मामीटर
- इलेक्ट्रॉनिक थर्मामीटर
- इंफ्रारेड थर्मामीटर
- थर्मोकपल थर्मामीटर
- रेजिस्टेंस थर्मामीटर
- डिजिटल थर्मामीटर
१. Liquid-in-glass thermometer
लिक्विड-इन-ग्लास (liquid-in-glass Thermometer) थर्मामीटर का सबसे सामान्य और बहोत पुराना प्रकार है। इसमें एक कांच की ट्यूब होती है जिसके एक सिरे पर एक बल्ब होता है जो पारा या अल्कोहल जैसे द्रव से भरा होता है।
जब तापमान बढ़ता या घटता है, तो द्रव फैल जाता है और उस एकुप्मेंट में गरम तापमान के कारन ऊपर उठ जाता है, और ठण्ड तापमान के कारन सिकुड़ने भी लगता है और थर्मामीटर के सेंसिटिव पॉइंट (ज़ीरो के करीब ) आने लगता है। इस ग्लास के थर्मामीटर पर कैलिब्रेटेड स्केल लगाई होती है जिससे तापमान को कैलिब्रेटेड किया जाता है, पारा या अल्कोहल जैसे द्रव के स्तर को देखकर टेम्प्रेचर पढ़ा जाता है।

2. Electronic thermometer
इलेक्ट्रॉनिक थर्मामीटर एक और सामान्य प्रकार का थर्मामीटर है। यह थर्मामीटर तापमान को कैलिब्रेटेड करने के लिए एक थर्मिस्टर का उपयोग करता है, एक प्रकार का विद्युत रेसिस्टर है जो तापमान में बदलाव के साथ अपना रेजिस्टेंस बदलता है।
इलेक्ट्रॉनिक थर्मामीटर से रेजिस्टेंस को मापा जाता है और एक डिजिटल रीडिंग में परिवर्तित किया जाता है जो एक डिजिटल स्क्रीन पर तापमान प्रदर्शित करता है। इस प्रकार का थर्मामीटर त्वरित, उपयोग में आसान है, और इसका उपयोग मौखिक और रेक्टल तापमान माप दोनों के लिए किया जा सकता है।
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3. Infrared thermometer
infrared thermometer एक लेजर थर्मामीटर है जो संपर्क किसी पदार्थ के संपर्क में आये बिना लेजर के मदत से टेम्रेचर के मेजर करता है। यह आमतौर पर किसी पदार्थ के उन सतहों के तापमान को मापने के लिए उपयोग किया जाता है जिन तक ट्रेडिशनल या आम थर्मामीटर पहुंचना मुश्किल है या स्पर्श करने के लिए बहुत गर्म है। इस प्रकार के थर्मामीटर का उपयोग अक्सर खाद्य उद्योग में भोजन के सीधे संपर्क में आए बिना खाद्य उत्पादों के तापमान को मापने के लिए किया जाता है।
4. Thermocouple thermometer
थर्मोकपल थर्मामीटर, जिसे “थर्मोइलेक्ट्रिकल थर्मामीटर” के नाम से भी जाना जाता है, थर्मोकपल एक विद्युत उपकरण है जिसमें दो अलग-अलग प्रकार के घातु के विद्युत कंडक्टर होते हैं जो एक विद्युत जंक्शन बनाते हैं।
सि-बैक इफेक्ट के परिणामस्वरूप एक थर्मोकपल तापमान के बिहाफ (अनुसरण) पर वोल्टेज को जनरेट करता है, और तापमान को मापने के लिए इस वोल्टेज को इलेट्रॉनिक या इलेक्ट्रिकल टेम्रेचर कंट्रोलर के मदत से टेमरेचर मापा जा सकता है, जरासल टेम्रेचर कंट्रोलर थर्मोकपल थर्मामीटर के तापमान के वोल्टेज को मेजर करके डिस्प्ले पर टेम्रेचर दिखाता है। थर्मोकपल का उपयोग बड़े पैमाने पर तापमान को कंट्रोल करनेके लिए इसे सेंसर के रूप में उपयोग किया जाता है।

५. Resistance RTD thermometer
रेजिस्टेंस थर्मामीटर या रेजिस्टेंस तापमान डिटेक्टर (आरटीडी) तापमान को मापने के लिए विद्युत कंडक्टर के रेजिस्टेंस का उपयोग करता है। कंडक्टर का रेजिस्टेंस समय के साथ बदलता रहता है। कंडक्टर की इस प्रॉपर्टी का उपयोग तापमान को मापने के लिए किया जाता है। RTD थर्मामीटर का मुख्य कार्य तापमान के साथ रेजिस्टेंस में सकारात्मक परिवर्तन देता है।
६. Digital thermometer
digital thermometer तापमान को मापने के लिए उपयोग किया जाता है जिसे मेडिकल डिवाइस के तौर पर मेडिकल फिल्ड में शरीर का टेम्रेचर मापने के लिए इस्तेमाल करते है। इसके उपयोग से शरीर का तापमान आसानी से प्राप्त होता हैं, जो कि टेम्रेचर के हिसाब से स्क्रीन के रूप से स्क्रीन पर डिजिटली दिखाता हैं। डिजिटल थर्मामीटर में तापमान को मापने के लिए अक्सिलेरी, ऑरल और रेक्टल जैसे तीन तरीकों से तापमान का मापन किया जाता हैं।
ऑरल थर्मामीटर को जीभ के नीचे रख कर तापमान की रिडिंग प्राप्त कर सकते हैं। रेक्टल थर्मामीटर को मलाशय में डाल कर तापमान को मापा जाता है। अक्सिलेरी थर्मामीटर को कंधे के नीचे रखकर तापमान तापमान की रिडिंग प्राप्त कर सकते हैं।
इन थर्मामीटरों का प्रयोग अत्यंत सरल, बारीकी से और सुरक्षित होता है। डिजिटल थर्मामीटर को इस्तेमाल करना बहुत आसान होता है इसमें टेम्रेचर डायरेक्ट डिस्प्ले पर दिखा जाता है। इन थर्मामीटरों की सटीकता आमतौर पर 0.2 डिग्री सेल्सियस या फारेनहाइट के अंदर होती है।
थर्मामीटर का आविष्कार किसने किया?
थर्मामीटर का आविष्कार गैलीलियो गैलीली ने 17वीं शताब्दी की शुरुआत में किया था। हालांकि, आगे जाकर Thermometer में काफी सुधार हुए और सटीक थर्मामीटर 1714 में डच वैज्ञानिक डैनियल गेब्रियल फ़ारेनहाइट द्वारा इन्वेन्ट किया गया था।
थर्मामीटर क्या है ?
Thermometer जिसे हम हिंदी तापमापी भी कहते है, ये टेम्प्रेचर नापने के काम आता है, जिससे हम तरल, ठोस, वायु (liquid, solid, air) का टेम्प्रेचर नाप सकते है। ये उस पदार्थ के तापमान के आधार पर संबंधित और उपयोगी जानकारी (पॉइंट) प्रस्तुत करता है।
थर्मामीटर में पारे का उपयोग क्यों किया जाता है ?
पारा एक द्रव पदार्थ है जो आसानी से बह सकता है लेकिन कांच को चिपकता भी नहीं है। इसलिए थर्मामीटर में मरकरी का उपयोग किया जाता है क्योंकि इसमें विस्तार होने का एक उच्च गुणांक होता है जिससे कि तापमान में थोडा सा भी बदलाव पर्याप्त विस्तार के रूप में दिखाई देता है जिसे थर्मामीटर के कैलिब्रेटेड भाग की केपिलरी में देखा जा सकता है।
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