transformer in hindi | ट्रांसफार्मर क्या है
Electrical Transformer एक विद्युत डिवाइस है जो AC सप्लाय में से फ्रीक्वेंसी को बिना बदले वोल्टेज और करंट को कम या ज्यादा करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
Electricity Transformer का आविष्कार Michael Faraday ने 1831 और Joseph Henry ने 1832 में किया था, अगर आपको एलेट्रिकल सप्लाय (विद्युत धारा) ट्रांसफार्मर के जरिये हमारे घर कैसे आती है, Transformer Kya Hai?, ट्रांसफार्मर का इस्तेमाल क्यू करते है
Transformer का कार्य | working principle of transformer

ट्रांसफॉर्मर के प्रकार और ट्रांसफार्मर क्या है परिभाषा जानना है, तो आगे पड़ते रहिए इस पोस्ट में आपको पूरी जानकारी मिलेंगी। अगर आपको ट्रांसफार्मर के जिस-किस पार्ट पर जानकारी चाहिए तो आप Table में दिए टॉपिक पर जानकारी ले सकते है।
Transformer Kya Hai?
ट्रांसफार्मर एक ऐसा विद्युत यंत्र है जो कि AC सप्लाई की फ्रीक्वेंसी को बिना बदले वोल्टेज को कम या ज्यादा करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
जरासल ट्रांसफार्मर दो प्रकार के होते है मतलब सिंगल फेज और थ्री फेज, इसमें स्टेपउप और स्टेपडाउन भी होते है। हम हमारे जरुरत के अनुसार ट्रांसफार्मर का उपयोग कर सकते है और वोल्टेज को और करंट को कम या ज्यादा कर सकते है, हम ट्रांसफार्मर का इस्तेमाल करके पहले वोल्टेज को 220V से 12V में बदलकर इसे रेक्टिफायर की मदद से AC से DC में बदला जाता है।
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ट्रांसफार्मर के उपयोग
आज ट्रांसफार्मर का इस्तेमाल बिजली के हर क्षेत्र में बड़े पैमाने पर हो रहा है बड़े से बड़े पावर स्टेशन और इंडरट्रीज से लेकर घर के छोटे से एलेट्रिकल डिवाइस बल्ब में भी ट्रांसफार्मर का इस्तेमाल किसी न किसी रुप में किया जा रहा है। जरासल इंडरट्रीज और घर के लिए इस्तेमाल में आनेवाले ट्रांसफार्मर का सिर्फ एक ही काम होता है वोल्टेज को ड्रापडाउन करना.

Transformer कितने प्रकार के होते है | transformer oil name
१. Power Transformer:-
पावर ट्रांसफॉर्मर विद्युत उपकरण होते हैं जिनका उपयोग फ्रिक्वेंशी को बदले बिना विद्युत शक्ति को एक सर्किट से दूसरे में स्थानांतरित करने में किया जाता है।
पावर ट्रांसफॉर्मर विद्युत चुम्बकीय के सिद्धांत द्वारा संचालित होते हैं मतलब ट्रांसफॉर्मर में प्राइमरी कॉइल और सेकंडरी कॉइल में सप्लाय के ट्रांफर के लिए कोनसा कॉम्पोनट इस्तेमाल नहीं होता ये मैग्नेटिक फिल्ड पर काम करता है ।
पावर ट्रांसफॉर्मर का उपयोग जनरेटर और वितरण प्राथमिक सर्किट के बीच विद्युत शक्ति के संचारण में किया जाता है। पावर ट्रांसफॉर्मरका उपयोग voltage बढ़ाने और घटाने में डिस्ट्रिब्यूशन और सबस्टेशन में उपयोग करते है।
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२. Instrumentation Transformer:- इंस्ट्रूमेंट ट्रांसफॉर्मर का उपयोग एसी सिस्टम में विद्युत मात्रा यानी वोल्टेज, करंट, पावर, एनर्जी, पावर फैक्टर, फ्रीक्वेंसी इत्यादि को मापने के लिए किया जाता है। बिजली व्यवस्था की सुरक्षा के लिए सुरक्षात्मक रिले के साथ इंस्ट्रूमेंट ट्रांसफार्मर का भी उपयोग किया जाता है। इंस्ट्रूमेंट ट्रांसफॉर्मर के और दो प्रकार होते है। Instrument ट्रांसफॉर्मर के दो प्रकार होते है, Current ट्रांसफार्मर (C.T.) और Potential ट्रांसफार्मर (P.T.)
करंट ट्रांसफॉर्मर (C.T.) का उपयोग पावर सिस्टम के करंट को निचले स्तर तक ले जाने के लिए किया जाता है ताकि इसे छोटे रेटिंग वाले एमीटर (यानी 5A एमीटर) से मापा जा सके।
Potential Transformer (P.T.) Potential T/F का उपयोग पावर सिस्टम के वोल्टेज को निचले स्तर तक ले जाने के लिए किया जाता है ताकि छोटे रेटिंग वोल्टमीटर यानी 110 – 120 वी वोल्टमीटर द्वारा मापा जा सके।

3. Pulse Transformer:-पल्स ट्रांसफार्मर अलग अलग डिवाइस और उद्योगों में सबसे ज्यादा रूप में उपयोग किए जाने वाले कस्टमाइजेबल ट्रांसफार्मर में से एक है। इस प्रकार के ट्रांसफॉर्मर का उपयोग कम पावर वाले कंट्रोल सर्किट में सिग्नल के ट्रांसमिशन और हाई-पावर SMPS के भीतर आवश्यक घटकों के लिए किया जाता है।
ये ट्रांसफार्मर पल्स रूप में धाराओं और वोल्टेज को संभालते हैं, इसलिए ज्यादातर स्रोत और लोड को अलग करने के लिए इलेक्ट्रॉनिक सर्किट के भीतर ट्रांसफॉर्मर को अलग करने के लिए उपयोग किया जाता है।
इस प्रकार के ट्रांसफॉर्मर का उपयोग रडार, टीवी, डिजिटल कंप्यूटर और कई अन्य में किया जाता है। पल्स ट्रांसफार्मर के मुख्य कार्य हैं।
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4. auto transformer | auto transformer in hindi
एक ऑटोट्रांसफॉर्मर एक विद्युत ट्रांसफार्मर होता है जिसमें केवल एक वाइंडिंग होती है। “ऑटो” ट्रांसफार्मर में एकही कॉइल होती है जो अकेले ही ऑपरेट होती है।
इस ऑटोट्रांसफॉर्मर में एक ही वाइंडिंग के हिस्से में ट्रांसफॉर्मर की प्राइमरी वाइंडिंग और सेकेंडरी वाइंडिंग दोनों एक ही वाइंडिंग के रूप में कार्य करते हैं। इसके विपरीत, एक साधारण ट्रांसफॉर्मर में प्राइमरी वाइंडिंग और सेकेंडरी वाइंडिंग
अलग-अलग होते हैं।
ऑटोट्रांसफॉर्मर वाइंडिंग में कम से कम तीन टैप होते हैं जहां विद्युत कनेक्शन बनाए जाते हैं। इसके वाइंडिंग का हिस्सा “डबल ड्यूटी” काम करता है, तो ऑटोट्रांसफॉर्मर्स अक्सर छोटे, हल्के और सामान्य दो वाइंडिंग ट्रांसफॉर्मर की तुलना में सस्ता होने के फायदे हैं
Know More about ट्रांसफार्मर types
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पल्स ट्रांसफार्मर क्या है?
एक पल्स ट्रांसफॉर्मर एक प्रकार का ट्रांसफॉर्मर होता है जिसे दो वाइंडिंग के साथ-साथ कनेक्टेड लोड के बीच वोल्टेज पल्स ट्रांसमिशन के लिए डिज़ाइन और अनुकूलित किया जाता है। इस प्रकार के ट्रांसफॉर्मर का उपयोग कम पावर वाले कंट्रोल सर्किट में सिग्नल के ट्रांसमिशन और हाई-पावर एसएमपीएस के भीतर आवश्यक घटकों के लिए किया जाता है। पल्स ट्रांसफार्मर आरेख नीचे दिखाया गया है
Power Transforme क्या है?
पावर ट्रांसफॉर्मर विद्युत उपकरण होते हैं जिनका उपयोग फ्रिक्वेंशी को बदले बिना विद्युत शक्ति को एक सर्किट से दूसरे में स्थानांतरित करने में किया जाता है।
Power Transformer विद्युत चुम्बकीय के सिद्धांत द्वारा संचालित होते हैं मतलब ट्रांसफॉर्मर में प्राइमरी कॉइल और सेकंडरी कॉइल में सप्लाय के ट्रांफर के लिए कोनसा कॉम्पोनट इस्तेमाल नहीं होता ये मैग्नेटिक फिल्ड पर काम करता है ।
Instrumentation Transformer क्या है?
Instrumentation ट्रांसफॉर्मर इंस्ट्रूमेंट ट्रांसफॉर्मर का उपयोग एसी सिस्टम में विद्युत मात्रा यानी वोल्टेज, करंट, पावर, एनर्जी, पावर फैक्टर, फ्रीक्वेंसी इत्यादि को मापने के लिए किया जाता है। बिजली व्यवस्था की सुरक्षा के लिए सुरक्षात्मक रिले के साथ इंस्ट्रूमेंट ट्रांसफार्मर का भी उपयोग किया जाता है।…
Pulse Transformer क्या है?
पल्स ट्रांसफार्मर अलग अलग डिवाइस और उद्योगों में सबसे ज्यादा रूप में उपयोग किए जाने वाले कस्टमाइजेबल ट्रांसफार्मर में से एक है। इस प्रकार के ट्रांसफॉर्मर का उपयोग कम पावर वाले कंट्रोल सर्किट में सिग्नल के ट्रांसमिशन और हाई-पावर SMPS के भीतर आवश्यक घटकों के लिए किया जाता है।…
Auto Transformer क्या है?
एक ऑटोट्रांसफॉर्मर एक विद्युत ट्रांसफार्मर होता है जिसमें केवल एक वाइंडिंग होती है। “ऑटो” ट्रांसफार्मर में एकही कॉइल होती है जो अकेले ही ऑपरेट होती है।…
ट्रांसफार्मर के उपयोग क्या है?
ट्रांसफार्मर एक ऐसा विद्युत डिवाइस है जो कि AC सप्लाय में से फ्रीक्वेंसी को बिना बदले वोल्टेज और करंट को कम या ज्यादा करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।