Tribhuj की परिभाषा | tribhuj ka kshetrafal
Tribhuj (angle) ज्योमेट्री (Geometry) में एक महत्वपूर्ण पार्ट होता है। यह दो रेखाओं के मिलने वाले बिंदु पर उन रेखाओं के दिशाओं के बीच की माप को निर्धारित करता है। कोण दो बिंदुओं के बीच की खुली दिशा को निर्देशित करता है और यह माप वैकल्पिक या डिग्री में होता है।
tribhuj ka kshetrafal
Tribhuj की परिभाषा: एक ऐसी बंद आकृति जिसमें तीन भुजे होती हैं, 3 कोण और 3 शीर्ष होते हैं उसे त्रिभुज कहते है। त्रिभुज में कुल 3 भुज, 3 कोण और 3 शीर्ष होते हैं। यह एक प्रकार की सरल बंद आकृति होती है, जिसमें सबसे कम भुजे होती हैं। त्रिभुज के तीनों आंतरिक कोणों की गिनती 180° होती है।
Angles का महत्व विभिन्न क्षेत्रों में जैसे कि भूगोल, खगोलशास्त्र, ट्रैफिक रेगुलेशन, विज्ञान, और इंजीनियरिंग जैसे अलग-अलग इंडस्ट्री में होता है। कोणों की माप और उनके संबंधित गणनाओं के जरिए हम विभिन्न समस्याओं का समाधान निकाल सकते हैं और उन्हें समझ सकते हैं।
विभिन्न प्रकार के कोण होते हैं जैसे समकोण, अनुक्रमिक कोण, त्रिकोणमिति कोण, परिक्रमी कोण, आदि। इन कोणों के गुणक, त्रिकोणमिति तत्व, और अन्य सम्बंधित गणनाओं का उपयोग विभिन्न गणितीय और वैज्ञानिक प्रश्नों के हल निकालने में किया जाता है। आगे हम ने Tribhuj याने त्रिकोण (triangle) के बारे बात की है।
त्रिभुज के प्रकार | Types of Triangles
(A) भुजाओं की माप के अनुसार
Tribhuj के अपने भुजाओं की माप के अनुसार निचे दिए गए तीन प्रकार के होते हैं।
१.Equilateral Triangle | समबाहु त्रिभुज
समबाहु त्रिभुज (equilateral triangle) एक प्रकार का त्रिभुज है जिसके सभी तीन कोण समान होते हैं और सभी तीन सिद्धांतिक लाइन समान लंबाई पर होती हैं। इसकी मुख्य विशेषताये होती है, कि इसके तीनों सिरे, तीनों कोण और तीनों दिशाएं समान होती हैं।

समबाहु त्रिभुज के सिद्धांतिक विशेषताएँ:
१. Equal Angles: समबाहु त्रिभुज में सभी तीन कोण समान होते हैं और प्रत्येक कोण 60° का होता है।
२. Equilateral Vertices: त्रिभुज के तीनों कोने समान दूरी पर होते हैं, अर्थात् त्रिभुज के सभी शीर्षों की दूरी एक समान रेखा पर होती है।
३. Equal directions: त्रिभुज की तीनों शीर्षों से बाजुओं की दिशाएं समान होती हैं।
समबाहु Tribhuj के सूत्र
समबाहु त्रिभुज का क्षेत्रफल = √3/4 × भुजा²
समबाहु त्रिभुज का परिमाप = 3 × भुजा
शीर्ष बिंदु से डाले गए लम्ब की लम्बाई = √3/4 × भुजा
समबाहु त्रिभुज के अर्धवृत की त्रिज्या R = a/2 × √3
परिवृत की त्रिज्या R = a/√3
2. Scalene Triangle | विषमबाहु त्रिभुज
विषमबाहु त्रिभुज एक प्रकार का त्रिभुज होता है जिसमें तीनों कोण और तीनों बाजुएँ एक-दुसरेसे अलग-अलग होती हैं, यानी कोण और बाजु आपस में समान नहीं होते हैं। इसकी मुख्य विशेषताये होती है कि इसमें कोई एक कोण आपसी रेसिओ की वजह से दूसरे कोणों से अलग होता है।

विषमबाहु त्रिभुज के सिद्धांतिक विशेषताएँ:
१. Different sides: विषमबाहु त्रिभुज में तीनों भुजों की लंबाई आपस में अलग-अलग होती है।
२. Different Angles: इस त्रिभुज में तीनों कोण भी विभिन्न होते हैं, अर्थात् कोई भी दो कोण समान नहीं होते हैं।
३. Different directions: त्रिभुज की तीनों भुजों की दिशाएं भी विभिन्न होती हैं।
विषमबाहु त्रिभुज के सूत्र
विषमबाहु त्रिभुज का क्षेत्रफल A = ½ × b × h
A = ½ × आधार × ऊँचाई
क्षेत्रफल A = ½ × a × b × sinθ
त्रिभुज का अर्धपरिधि P = ½ ( a + b + c )
क्षेत्रफल A = √s(s – a)(s – b)(s – c)
३. Isosceles Triangle| समद्विबाहु त्रिभुज
समद्विबाहु त्रिभुज एक प्रकार का त्रिभुज है जिसमें कोण सी भी दो भुजाएँ समान लंबाई की होती हैं, और जाहिर है की, उन भुजाओं के आमने-सामने के दो कोण भी बराबर होते हैं। दूसरे शब्दों में, एक समद्विबाहु त्रिभुज की दो भुजाएँ अनुकूल होती हैं (उनकी लंबाई समान होती है) और दो कोण अनुकूल होते हैं।

समद्विबाहु त्रिभुज के सिद्धांतिक विशेषताएँ:
१. Equal Sides: एक समद्विबाहु त्रिभुज में, कम से कम दो भुजाएँ समान लंबाई की होती हैं।
२. Equal Angles: समान भुजाओं के विपरीत कोण सर्वांगसम होते हैं, जिसका अर्थ है कि उनका माप समान होता है।
३. Base Angles: दो अनुकूल कोणों को अक्सर “आधार कोण” कहा जाता है क्योंकि वे एक-दूसरे के आधार (अलग-अलग लंबाई वाली भुजा) से सटे होते हैं।
ऐसा Tribhuj, जिसकी कोई भि दो भुजाओं की लंबाई बराबर होती है और आमने सामने के कोण भी बराबर कोण में होते है। और जिसकी तीसरी भुजा की लंबाई अलग होती है, उस त्रिभुज को समद्विबाहु त्रिभुज कहते हैं।
समद्विबाहु त्रिभुज के सूत्र
समद्विबाहु त्रिभुज का क्षेत्रफल A = ½ × आधार × ऊँचाई
क्षेत्रफल A = ½ × b × h
दूसरा क्षेत्रफल A = a/4 √(4b² – a²)
तीसरा क्षेत्रफल A = ½ × side2 × sinθ
समद्विबाहु त्रिभुज का परिमाप P = 2a + b
(B) कोणों की माप के अनुसार
त्रिभुज, कोणों की माप के अनुसार तीन प्रकार के होते हैं, जिसके बारे में नीचे बताया है।
१. समकोण त्रिभुज |
ऐसा त्रिभुज, जिसके किसी एक कोण का मान 90 डिग्री होता है, उसे समकोण त्रिभुज कहते हैं।

समकोण त्रिभुज के सूत्र
कर्ण की लम्बाई का वर्ग = लम्ब की लम्बाई का वर्ग + आधार की लम्बाई का वर्ग
AC² = AB² + BC²
(कर्ण)² = (लम्ब)² + (आधार)²
समकोण त्रिभुज का कर्ण = √लम्ब² +आधार²
समकोण त्रिभुज का लम्ब = √कर्ण² – आधार²
समकोण त्रिभुज का आधार = √कर्ण² – लम्ब²
समकोण त्रिभुज का क्षेत्रफल A = ½ × आधार × ऊँचाई
क्षेत्रफल = A = ½ × b × h
कर्ण C = √a² + b²
परिमाप = a + b + c
ऊँचाई = (a × b)/c
२. न्यूनकोण त्रिभुज |
ऐसा त्रिभुज, जिसके प्रत्येक कोण का मान 90 डिग्री से कम होता है, उसे न्यूनकोण त्रिभुज कहते हैं।

न्यूनकोण त्रिभुज के सूत्र
न्यूनकोण त्रिभुज का क्षेत्रफल A = ½ × b × h
न्यूनकोण त्रिभुज का परिमाप = a + b + c
क्षेत्रफल A = √s(s – a)(s – b)(s – c)
A = ½ × a × b × sinθ
न्यूनकोण त्रिभुज का क्षेत्रफल A = ½ × b × h
३. अधिककोण त्रिभुज |
ऐसा त्रिभुज, जिसके किसी एक कोण का मान 90 डिग्री से अधिक होता है, उसे अधिककोण त्रिभुज कहते हैं।

अधिककोण त्रिभुज के सूत्र
क्षेत्रफल A = ½ × b × h
परिमाप = a + b + c
अर्धपरिधि P = ½ ( a + b + c )
क्षेत्रफल A = √s(s – a)(s – b)(s – c